Google E-E-A-T फार्मूला क्या है? ब्लॉग पोस्ट को गूगल में रैंक कराने की हिंदी ट्रिक
Google E-E-A-T क्या होता है? जानें हिंदी bloggers कैसे अपने ब्लॉग की रैंकिंग और ट्रस्ट बढ़ा सकते हैं और साथ में पाएं Backlinko…
Google E-E-A-T क्या होता है? जानें हिंदी bloggers कैसे अपने ब्लॉग की रैंकिंग और ट्रस्ट बढ़ा सकते हैं और साथ में पाएं Backlinko insights, SEO tips और वास्तविक जीवन उदाहरण!
Table of Contents
परिचय (Introduction)
“क्या आप भी ऐसा महसूस करते हैं कि आपने एक बढ़िया ब्लॉग पोस्ट लिखी, SEO भी ठीक-ठाक किया… लेकिन फिर भी Google उसे रैंक नहीं कर रहा?”
तो इसका कारण ये हो हो सकता है कि आपने Google के एक बेहद ज़रूरी Ranking सिग्नल को नजरअंदाज कर दिया हो — जिसका नाम है E‑E‑A‑T।
अब आप सोचेंगे कि ये E‑E‑A‑T क्या बला है?
यह Google का एक खास “गुणवत्ता मूल्यांकन फ़ॉर्मूला” है जिसमें ये 4 बातें शामिल होती हैं-
- Experience (अनुभव)
- Expertise (विशेषज्ञता)
- Authoritativeness (प्रभाव)
- Trustworthiness (भरोसा)
Google अब सिर्फ कीवर्ड और backlinks नहीं देखता, बल्कि वो देखता है “किसने लिखा है, क्यों लिखा है, और उस पर कितना भरोसा किया जा सकता है?”
यह भी पढ़ें ‘Micro Niche Blogging से घर बैठे कमाई कैसे करें — महिलाओं और स्टूडेंट्स के लिए आसान गाइड‘
इस लेख में हम आपको बिलकुल आसान और हिंदी में बताएंगे कि ये E‑E‑A‑T क्या है, और इसे अपने ब्लॉग पोस्ट्स में कैसे लागू किया जाता है, ताकि आप भी अपनी पोस्ट को Google में टॉप पर रैंक करा सकें।
और हाँ, हम इस लेख को सिर्फ थ्योरी तक ही सीमित नहीं रखेंगे, आपको प्रैक्टिकल ट्रिक भी मिलेगी!

E‑E‑A‑T क्या है? (आसान भाषा में समझें)
Google का E‑E‑A‑T रूपरेखा दरअसल Quality Rater Guidelines का हिस्सा है, जिसमें यह जांचा जाता है कि कोई कंटेंट कितना भरोसेमंद, जानकार और अनुभव से भरा है।
आइए इसके चार मुख्य स्तंभों को बारी-बारी से आसान उदाहरण के साथ समझते हैं-
1. Experience (अनुभव)
अगर आपने पहले किसी चीज़ को स्वयं इस्तेमाल किया है और बाद में उसी पर लेख लिखते हैं, तो आपका अनुभव काफी मूल्यवान होता है।
उदाहरण– अगर आपने खुद कोई “Sunscreen for Oily Skin” इस्तेमाल किया है और बाद में इसी ‘Sunscreen for Oily Skin’ पर लेख लिखते हैं और इसमें अपना अनुभव शेयर करते हैं, तो Google इसे वास्तविक अनुभव मानेगा।
2. Expertise (विशेषज्ञता)
क्या आप जिस विषय पर लिख रहे हैं, उसमें आपकी कोई योग्यता या कोई विशेष ज्ञान है?
उदाहरण– अगर कोई त्वचा विशेषज्ञ ‘Sunscreen’ पर ब्लॉग लिखता है, तो उसे उच्च विशेषज्ञता मानी जाएगी। लेकिन अगर आपने भी उस विषय पर गहन रिसर्च करके मूल्यवान कंटेंट लिखा है, तो Google आपको भी expert मान सकता है।
3. Authoritativeness (प्रभाव)
आपका कंटेंट कितना भी असरदार और मान्यता प्राप्त हो? लेकिन क्या लोग आपकी साइट को source के रूप में मानते हैं?
उदाहरण– अगर दूसरे ब्लॉगर्स आपकी पोस्ट को link करते हैं या आपकी साइट का ज़िक्र करते हैं, तो आपकी authority बढ़ती है।
4. Trustworthiness (भरोसा)
क्या आपकी वेबसाइट भरोसेमंद है? क्या आपकी जानकारी सही और प्रमाणिक है?
उदाहरण– SSL certificate, privacy policy, contact info, affiliate disclosure जैसी चीजें google की नजरों में आपकी वेबसाइट का ट्रस्ट को बढ़ाती हैं।
E-E-A-T से जुड़े भ्रम
Google E-E-A-T को लेकर बहुत सारे ब्लॉगर्स और नए SEO learners भ्रम में रहते हैं।
हम यहाँ Backlinko पर प्रकाशित एक लेख का संज्ञान लेंगें जिसने कई बड़े मिथक का पर्दाफाश किया है, इनको हम यहां आसान हिंदी भाषा में समझते हैं-
Myth #1- “E‑E‑A‑T कोई Ranking Factor नहीं है”
सच– Google ने खुद कहा है कि E-E-A-T सीधे तौर पर कोई ranking factor नहीं है, लेकिन ये कंटेंट की गुणवत्ता की मुख्य guideline है।
मतलब ये कि अगर आप “पाठक को आधार बनाकर लेख लिखते हैं ” जो प्रामाणिक, विश्वसनीय और मददगार हो—तो Google आपको जरूर महत्त्व देगा।
Myth #2- “E‑E‑A‑T एक checklist है जिसे बस पूरा करना है”
सच– यह कोई एक निश्चित सूची नहीं है, बल्कि एक मानसिकता और मानक है। जो अलग – अलग niche पर अलग – अलग तरीके से लागू होती है।
उदाहरण के लिए-
- Tech ब्लॉग में expertise important होती है
- Personal experience ब्लॉग (जैसे travel, skincare) में experience सबसे ज्यादा मायने रखता है
Myth #3- “Formal Qualification ज़रूरी है”
सच– Google खुद कहता है कि कुछ जगह अनुभव भी काफी मूल्यवान है, खासकर health, wellness, beauty, और DIY topics में।
Tip– अपने अनुभव को blog में शेयर करें, image/video या real case studies के साथ — ये विश्वास बढ़ाता है।
Backlinko का सुझाव–
“Google content को judge करता है कि क्या यह किसी असली इंसान ने, असली अनुभव के आधार पर लिखा है।”
इसलिए generic या AI-sounding content से बचें।
यह भी जरूर जाने कि ‘Voice Search SEO Tips in Hindi: मोबाइल यूज़र्स के लिए ब्लॉग को कैसे ऑप्टिमाइज़ करें?‘
Google की Quality Rater Guidelines से सीखें
Google की Search Quality Evaluator Guidelines एक internal handbook है, जिसे Google के human raters पढ़ते हैं ताकि वो यह तय कर सकें कि कोई वेबसाइट या कंटेंट कितनी उच्च गुणवत्ता वाला है।
Quality Raters कौन होते हैं?
यह Google के specially trained लोग होते हैं जो manually वेबसाइट्स की जांच करते हैं।
ज्यादातर वो आपकी वेबसाइट को 4 बातों के आधार पर judge करते हैं-
- Page purpose (कंटेंट किस मकसद से लिखा गया है?)
- E-E-A-T score
- Content depth और originality
- Site-level trust
ये रेटिंग्स कैसे असर डालती हैं?
- ये ratings खुद algorithm को सीधे प्रभावित नहीं करतीं
- लेकिन इनसे Google यह सीखता है कि किस तरह की सामग्री को अच्छा माना जाए
- इसका उपयोग future algorithm updates को train करने में होता है
4 E-E-A-T Levels जो Quality Raters इस्तेमाल करते हैं-
- Low E-E-A-T – नकली या misleading content
- Lacking E-E-A-T – भरोसा कम, author info नहीं
- High E-E-A-T – जानकारी स्पष्ट, कुछ experience है
- Very High E-E-A-T – expert या trusted authority द्वारा लिखा गया
Tips-
अगर आपका ब्लॉग E-E-A-T के हर पैरामीटर पर थोड़ा-थोड़ा भी खरा उतरता है, तो वह future updates में काफी मज़बूत और visible रह सकता है।
वास्तविक हिंदी ब्लॉगिंग उदाहरण (E-E-A-T उपयोग)
आइए अब एक वास्तविक ब्लॉगिंग टॉपिक का उदाहरण लेते हैं — ‘Best body lotions for dry skin’
Experience (अनुभव)
- आपने खुद ये body lotions इस्तेमाल किया है
- आप Before–After की फोटो लगाते हैं
- Product के texture, smell आदि पर आप अपने अनुभव का वर्णन करते हैं
इससे पाठक को लगेगा कि आपने जो लिखा है, वह आपके खुद के अनुभव पर आधारित है।
Expertise (विशेषज्ञता)
- आपने ingredients जैसे Niacinamide, SPF 50, Matte Finish आदि को स्पष्ट किया है
- आपने dry skin वाले पाठकों को उचित सलाह दी है
इससे पाठक को भरोसा होता है कि आप विषय को समझते हैं।
Authority (प्रभाव)
- आपने किसी त्वचा विशेषज्ञ की राय या किसी प्रतिष्ठित skincare वेबसाइट का हवाला दिया है
- आपने Amazon या Nykaa के real verified reviews का ज़िक्र किया
इससे आपके कंटेंट की साख बढ़ती है।
Trust (भरोसा)
- आपने affiliate disclosure साफ – साफ़ दिया है
- Privacy policy और contact page को स्पष्ट रूप से बनाया है
- साइट पर SSL और no misleading ads जोड़ा है
इन सबसे पाठक और Google, दोनों का विश्वास आप पर बढ़ता है।
अगर आप ऊपर बताए गए चारों E-E-A-T सिद्धांत को अपने ब्लॉग में स्वाभाविक रूप से शामिल करते हैं, तो आप एक साधारण लेखक से आगे बढ़ कर एक authority content creator बन सकते हैं, फिर चाहे आप Hindi में लिखें, या English में।
यह भी महत्वपूर्ण है कि ‘Wikipedia से Backlink कैसे बनाएं? (Step-by-Step हिंदी गाइड 2025)‘
अपने ब्लॉग में E-E-A-T लागू करने के आसान उपाय (2025-26 और इसके आगे के लिए भी अपडेटेड गाइड)
Google अब सिर्फ keywords नहीं, बल्कि आपकी पहचान और विश्वसनीयता को भी देखता है।
इसलिए E-E-A-T को अमल में लाने के लिए नीचे दिए गए प्रैक्टिकल और action-ready steps अपनाएं-
1. Author Bio और About Page को Rich बनाएं
- अपनी blogging journey और niche अनुभव को साझा करें
- Skills, Certifications (अगर कोई हो) या Personal Stories को भी शामिल करें
- एक साफ़ फोटो और Social Profiles के links ज़रूर जोड़ें
2. Schema Markup ज़रूर जोड़ें
- ProfilePage schema- आपके author पेज के लिए
- Author schema- हर ब्लॉग पोस्ट में
यह Google को आपके बारे में structured तरीके से जानकारी देता है
3. Self-created Media / Photos लगाएं
- Product की अपनी खींची हुई photos, screenshots, infographics लगाएं
- इससे कंटेंट ज़्यादा प्रामाणिक दिखता है और Discover में दिखने की संभावना बढती है
4. Trust Pages को पूरा करें-
- Privacy Policy
- Contact Us
- Disclaimer + Affiliate Disclosure
- SSL certificate (https secure site)
ये सब मिलकर आपकी साइट को Google और पाठक के लिए भरोसेमंद बनाते हैं।
Off‑Page Signals से Trust & Authority बढ़ाएँ
E-E-A-T सिर्फ आपकी वेबसाइट पर ही नहीं, बल्कि आपके आसपास के digital footprint पर भी निर्भर करता है। नीचे दिए गए off-page signals आपकी विश्वसनीयता को मज़बूत बनाते हैं-
Guest Blogging / Press Mentions
- अपने niche में authority blogs पर guest post करें
- Press release या media coverage (free tools- HARO, Qwoted) का इस्तेमाल करें
Social Proof प्रदर्शित करें
- पाठकों के कमेन्ट और प्रशंसापत्र
- Product या courses के reviews
- Instagram, YouTube या Quora comments का snapshot
Internal + External Linking Strategy
- Internal linking से site navigation मज़बूत बनाएं
- External links से trusted sources (govt., reputed blogs) का हवाला प्रदान करें
Google को दिखाएं कि आप एक larger knowledge ecosystem का हिस्सा हैं।

Discover और SEO दोनों के लिए Optimize करें
E-E-A-T की असली ताकत तब दिखती है जब आपकी पोस्ट Google Discover और search दोनों में आने लगे।
1. Mobile-first layout बनाएं
- Use AMP (Accelerated Mobile Pages) या mobile-friendly themes
- Font, spacing, tap targets सही रखें
2. Visuals + CTA + Quote Highlights
- Eye-catching feature image (size: 1200 x 628 px)
- Blockquotes में विशेषज्ञ के बयान या अपनी अनुभव आधारित पंक्तियाँ
- हर section के बाद clear CTA- “नीचे comment करें”, “यह product चेक करें” आदि – आदि
3. लेख को सरल भाषा में विषय की गहराई के साथ लिखें
- In-depth content रखें, लेकिन भाषा सरल और बोलचाल वाली हो
- अगर आप हिंदी में कंटेंट बना रहे हैं, तो जहां जरूरी हो, वहां Hinglish टर्म्स का यूज़ करें (जैसे “Authority बढ़ाने के लिए internal linking करें”)
FAQs: Google E-E-A-T को लेकर हिंदी bloggers द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. अपने ब्लॉग में E‑E‑A‑T की शुरुआत कहाँ से करें?
अपने Author Bio और About Page को प्रोफेशनल और ट्रस्टबिल बनाने से इसकी शुरुआत करें। इसके बाद अपने ब्लॉग पोस्ट्स में original experience, reputed sources के लिंक, और schema markup जोड़ना शुरू करें।
सबसे ज़रूरी है कि Content लोगों की मदद के लिए होना चाहिए, सिर्फ ranking के लिए नहीं।
Q2. क्या Hindi bloggers भी E-E-A-T से advantage ले सकते हैं?
हां, बिल्कुल!
Google की guidelines भाषा-निर्भर नहीं होतीं है। Hindi bloggers भी अपने अनुभव साझा करके (Experience), जानकारी देकर (Expertise), ट्रस्ट और प्रमाणिकता के साथ (Authority & Trust) E-E-A-T को पूरी तरह follow कर सकते हैं।
इसके विपरीत, बहुत से English bloggers सिर्फ keywords भरते हैं — Hindi content creators के लिए यह एक मौका है authentic value दिखाने का।
Q3. क्या सिर्फ Author Bio से Ranking में फर्क आएगा?
नहीं, सिर्फ Author Bio से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा।
Google एक समग्र नज़रिया (holistic view) रखता है — जैसे कि- Content में अनुभव झलकता है या नहीं, क्या आपने niche से जुड़े practical examples दिए हैं, आपकी site भरोसेमंद दिखती है या नहीं (SSL, Contact Page आदि से)
Author Bio सिर्फ entry point है, लेकिन trust build करने के लिए पूरी वेबसाइट को मजबूत बनाना पड़ता है।
Q4. E-E-A-T vs Helpful Content Update में क्या अंतर है?
1. फोकस–
E-E-A-T का फोकस ट्रस्ट (Trust), अनुभव (Experience), विशेषज्ञता (Expertise) और अधिकारिता (Authority) पर होता है। वहीं, Helpful Content Update का मुख्य उद्देश्य है यूज़र के लिए मददगार और वास्तविक कंटेंट को प्राथमिकता देना।
2. Google इसे कैसे देखता है?
E-E-A-T सीधे Google के क्वालिटी गाइडलाइंस का हिस्सा है, जो human raters को content की क्वालिटी जांचने में मदद करता है। इसके विपरीत, Helpful Content Update एक सीधा algorithmic signal है, जो Google रैंकिंग को सीधे प्रभावित करता है।
3. क्या इनमें ओवरलैप है?
हाँ, काफी हद तक ओवरलैप है। जब आप हेल्पफुल (मददगार) कंटेंट लिखते हैं, तो उसमें नैचुरली E-E-A-T के सभी principles follow हो जाते हैं।
संक्षेप में-
E-E-A-T एक सोच (mindset) है और Helpful Content Update उसी सोच का तकनीकी रूप से परिणाम (outcome) है।
अगर आप ईमानदारी से अनुभव-आधारित, उपयोगी और स्पष्ट कंटेंट लिखते हैं — तो ये दोनों ही updates आपके ब्लॉग को Google में बेहतर रैंक दिला सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
उम्मीद है कि अब तक आप समझ चुके होंगे कि Google E-E-A-T सिर्फ एक थ्योरी नहीं है, बल्कि आपके ब्लॉग की branding और कंटेंट की विश्वसनीयता को बढाने का फार्मूला है।
E-E-A-T को सही तरीके से अपनाएं तो-
- Discover में visibility बढ़ेगी
- Long-term SEO success मिलेगा
- Sponsored content और brand deals के मौके बनेंगे
अब आप भी आज से ही अपने ब्लॉग पर E-E-A-T के तत्वों को शामिल कीजिए, और नीचे comment करके बताइए कि आपने सबसे पहले कौन सा step शुरू किया है? और अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे अपने अन्य ब्लॉगर दोस्तों के साथ भी शेयर करें!